वीरों की याद में झुका हर सिर : जशपुर के पत्थलगांव और आस्ता में पुलिस स्मृति दिवस के आयोजन पर भावुक हुए पुलिस अधिकारी कर्मचारी..पढ़ें पूरी खबर..

वीरों की याद में झुका हर सिर : जशपुर के पत्थलगांव और आस्ता में पुलिस स्मृति दिवस के आयोजन पर भावुक हुए पुलिस अधिकारी कर्मचारी..पढ़ें पूरी खबर..

Dipesh rohila
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शहीद जवानों के घर-घर जाकर जताई गई संवेदना, श्रद्धा और सम्मान के साथ वीरों को किया सलाम
जशपुर/पत्थलगांव_आस्ता(दिपेश रोहिला) : इस वर्ष पुलिस स्मृति दिवस पर जशपुर जिले में एक विशेष भावनात्मक वातावरण देखने को मिला, जब जिले के सभी थाना क्षेत्रों में तैनात अधिकारी कर्मचारी या यूं कहे पुलिसकर्मीयों ने अमर शहीदों के घर-घर जाकर उनके परिवारजनों से भेंट करने पहुँचे। यह केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी बल्की एक संवेदनशील पहल थी जिसके माध्यम से पुलिस विभाग द्वारा अपने कर्तव्यपालन में बलिदान देने वाले जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित दी गई। इस अवसर पर विशेष रूप से पत्थलगांव एवं आस्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत पदस्थ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने संपूर्ण भावनात्मकता और सम्मान के साथ शहीद समर साय, शहीद अलसन एक्का, शहीद अलेक्जेंडर मिंज, शहीद संदीप तिर्की, शहीद अनिल सेम टोप्पो के परिवार से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। उनके साहस और बलिदान को याद करते हुए पुलिसकर्मियों ने आश्वासन दिया कि समाज और पूरा पुलिस परिवार उनके साथ हमेशा हर सुख दुख पर खड़ा रहेगा।
इस दौरान पत्थलगांव थाना प्रभारी विनीत पाण्डेय ने बताया कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था की रखवाली तक सीमित नहीं है बल्कि समाज में शांति विश्वास और सुरक्षा की भावना बनाए रखने का भी काम करती है। हमारे वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर जो मिसाल कायम की है वो हमेशा हमारी प्रेरणा बनी रहेगी।
वहीं जिले के आस्ता थाना क्षेत्र में पदस्थ पुलिसकर्मी अर्जुन यादव ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने शहीद जवानों के परिजनों से मिलकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी वीरता को याद किया। पुलिस स्मृति दिवस पर पूरे जिले में एकजुट होकर यह भावनात्मक पहल पुलिस विभाग आम नागरिकों के बीच विश्वास और सम्मान की डोर को और भी मजबूत बना रही है।
इस आयोजन पर (उभरता छत्तीसगढ़ न्यूज पोर्टल) का यह स्पष्ट संदेश है कि पुलिस विभाग अपने कर्तव्यों के प्रति जितना निष्ठावान है उतना ही संवेदनशील भी है, यह दिवस सिर्फ श्रद्धांजलि देने का नहीं बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने और शहीदों के परिवारों को सम्मानित करने का अवसर भी है, जिससे हमें गर्व की अनुभूति प्राप्त होती है।


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