पत्थलगांव(दिपेश रोहिला) । पत्थलगांव नगर में इस वर्ष भी प्रतिवर्ष की भांति विजयादशमी महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। नगर का ऐतिहासिक मंडी दशहरा मैदान आज गुरुवार की शाम से हजारों की भीड़ का साक्षी बनेगा, जब धर्म और अधर्म के बीच विजय का प्रतीक रावण दहन होगा। आयोजन समिति की महीनों की मेहनत के बाद इस बार 45 फिट ऊंचे रावण का विशालकाय पुतला तैयार किया गया है, जिसे रायपुर से आए अनुभवी कारीगरों ने बारीकी से सजाया है। यह पुतला हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा।
दशहरा उत्सव की शुरुआत देर शाम 6 बजे से भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता और भगवान हनुमान की भव्य झांकी के साथ होगी। नगर में निकाली जाने वाली यह झांकी भक्तिभाव और सांस्कृतिक आस्था का अद्वितीय संगम होगी। झांकी के दौरान कर्मा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें आसपास के अनेक ग्रामों से आए कर्मा नृत्य दल अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। मंच पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ी नाटक और रंगारंग कर्मा नृत्य प्रतियोगिता विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील गर्ग ने जानकारी दी कि नृत्य प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने हेतु आकर्षक पुरस्कार रखे गए हैं। प्रथम पुरस्कार 21,000 रुपये, द्वितीय 11,000 रुपये, तृतीय 7,000 रुपये तथा सांत्वना पुरस्कार 3,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इससे प्रतियोगिता में और अधिक उत्साह का संचार होगा। इस विशाल आयोजन में सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक श्रीमती गोमती साय मुख्यअतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित होंगी। समिति ने मैदान की सजावट, मंच व्यवस्था, सुरक्षा और अन्य तैयारियां पूरी कर ली हैं।
कार्यक्रम के चरम क्षण में भगवान राम के प्रतीक पात्र रावण का वध करेंगे। इससे पूर्व आकाश को रोशन करती हुई भव्य आतिशबाजी लोगों का मन मोह लेगी। हजारों की संख्या में नगर और आसपास के ग्रामों से जुटे लोग धर्म की विजय और असत्य पर सत्य की गूंजती प्रतिध्वनि का साक्षी बनेंगे। हर वर्ष की तरह इस बार भी विशाल विजयादशमी महोत्सव पत्थलगांव की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को जीवंत करेगा। नृत्य, संगीत, झांकी और आतिशबाजी के बीच 45 फिट का रावण जब धधकती अग्नि में समाएगा, तो पूरा मैदान “जय श्रीराम” के जयघोष से गूंज उठेगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी उज्ज्वल उदाहरण प्रस्तुत करेगा।












