बस्तर में विकास और विश्वास की नई सुबह” आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से लौटी शांति की उम्मीद
पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन अभियान और “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” से माओवादियों में जागी नई आशा, 20 महीनों में 1,800 से अधिक कैडर मुख्यधारा में शामिल
रायपुर(दिपेश रोहिला) । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बस्तर बदल रहा है, अब यहां बंदूक और बारूद का धुआं नहीं बल्कि विकास और विश्वास की बयार बह रही है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसे मानवीय अभियानों ने उन लोगों के दिलों में आशा का दीप जलाया है, जो कभी भटककर लाल आतंक के रास्ते पर चले गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नारायणपुर जिले में 16 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटने का साहसिक निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वाले इन कैडरों पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था। उन्होंने अब शांति, शिक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन की नई राह चुनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों पर जन-जन का विश्वास बढ़ा है और सुरक्षा बलों की दृढ़ता ने विकास और विश्वास का माहौल स्थापित किया है, पिछले 20 महीनों में कुल 1,837 माओवादी हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह परिवर्तन इस बात का साक्षी है कि “डबल इंजन सरकार” की नीतियां न केवल शांति ला रही हैं, बल्कि बस्तर को एक नए युग की ओर अग्रसर कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल नक्सलवाद को समाप्त करना नहीं बल्कि बस्तर के हर गांव तक विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की रोशनी पहुँचाना है।








