श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर क्षेत्र में श्रद्धा और उल्लास का माहौल, हरि नाम संकीर्तन एवं मंत्रोच्चारण से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक और आनंदमय

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर क्षेत्र में श्रद्धा और उल्लास का माहौल, हरि नाम संकीर्तन एवं मंत्रोच्चारण से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक और आनंदमय

Dipesh rohila
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विधायक गोमती साय पत्थलगांव पहुंचकर अखिल भारतीय अघरिया समाज द्वारा आयोजित जन्माष्टमी एवं वार्षिक सम्मेलन कार्यक्रम में हुई शामिल
ग्राम सुखरापारा में युवा समिति द्वारा मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन
पत्थलगांव(दिपेश रोहिला) । हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व क्षेत्र में बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा-भाव से मनाया जा रहा है। पत्थलगांव नगर और ग्रामीण अंचलों में लोग बड़ी संख्या में भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक एवं पूजन सामग्री की खरीदी करते हुए लोग नजर आ रहे हैं। वहीं भक्तों ने विभिन्न मंदिरों एवं अपने घरों में भगवान श्रीकृष्ण के झूले बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाए हैं। रंग–बिरंगी लाइटों, फूलों और श्रृंगार सामग्री से सजे ये झूले दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।
वहीं पत्थलगांव नगर के श्री सत्यनारायण मंदिर एवं दुर्गा मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। श्रद्धालु अपने नन्हें बच्चों को बाल कृष्ण के रूप में सजाकर मंदिरों में ले जा रहे हैं। छोटे-छोटे कान्हा की झांकियों ने माहौल को और भी मनमोहक बना दिया है। इस पर्व को लेकर मंदिरों में कृष्ण जन्म के 24 घंटे पूर्व से ही अखंड हरि नाम संकीर्तन एवं हरे राम-हरे कृष्ण का जाप गूंज रहा है। भक्ति गीतों और मंत्रोच्चारण से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक और आनंदमय हो उठा है। जन्माष्टमी को ध्यान में रखते हुए सत्यनारायण मंदिर परिसर में नन्हें बच्चों के मनोरंजन हेतु विभिन्न रोचक खेलों का भी आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक श्रीमती गोमती साय पत्थलगांव पहुँचीं। उन्होंने जशपुर रोड स्थित मैरिज गार्डन में अखिल भारतीय अघरिया समाज द्वारा आयोजित जन्माष्टमी एवं वार्षिक सम्मेलन कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इसी पावन मौके पर ग्राम सुखरापारा में युवा समिति द्वारा मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। प्रतियोगिता को और भी रोचक बनाने के लिए आकर्षक पुरस्कार रखे गए हैं। विजेता समूह को प्रथम पुरस्कार स्वरूप 11,000 तथा द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 5,100 की राशि प्रदान की जाएगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी लोगों को जोड़ने का कार्य कर रहा है।








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