8 महीने की शादी, गर्भवती बहू की संदिग्ध मृत्यु, दहेज और प्रताड़ना के साए में बुझ गया एक जीवन, मामला राजधानी रायपुर का

8 महीने की शादी, गर्भवती बहू की संदिग्ध मृत्यु, दहेज और प्रताड़ना के साए में बुझ गया एक जीवन, मामला राजधानी रायपुर का

Dipesh rohila
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रायपुर । रायपुर में 26 वर्षीय नवविवाहिता दीपाली साहू, पिता अशोक साहू निवासी ग्राम कुतरा, जिला सुंदरगढ़ (ओडिशा) की संदिग्ध मौत ने परिजनों और पूरे समाज को झकझोर दिया है। आठ महीने पहले ही दीपाली की शादी मोतीनगर निवासी अंकित गुप्ता से हुई थी, जो संतोषी नगर में "मां मोबाइल" के नाम से दुकान चलाता है। 22 नवंबर 2024 को बड़े हर्षोल्लास से हुई इस शादी के सपने कुछ ही महीनों में दुःस्वप्न में बदल गए। परिजनों के अनुसार, विवाह के महज एक महीने बाद से ही पति अंकित गुप्ता, ससुर राजकुमार गुप्ता, सास संजू गुप्ता और ननद अंकिता गुप्ता ने दहेज की अतिरिक्त मांग शुरू कर दी। आरोप है कि दीपाली को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।

कुछ ही महीनों में जब दीपाली गर्भवती हुई, तो ससुराल पक्ष ने दबाव बनाया कि यह खबर मायके वालों को न बताई जाए। लेकिन बेटी ने अपने मायके को खुशखबरी दे दी, जिससे नाराज ससुराल वालों की प्रताड़ना और बढ़ गई। पुत्र धन की चाह रखने वाले ससुराल पक्ष ने मायके से किसी के आने-जाने पर भी रोक लगा दी। ससुराल की यातना से डरी-सहमी दीपाली, मायके वालों को खुद आने से मना करती रही। 13 अगस्त की सुबह पति अंकित ने मायके को खबर दी कि दीपाली ने अपने कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।

इस दर्दनाक घटना ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। परिजन इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि गर्भवती बेटी और उसके अजन्मे बच्चे की ससुराल वालों की प्रताड़ना से हुई मौत मान रहे हैं। टिकरापारा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना फिर से उस कड़वी सच्चाई को सामने लाती है कि दहेज और पारिवारिक प्रताड़ना जैसी सामाजिक बुराइयाँ आज भी मासूम जिंदगियाँ निगल रही हैं–कभी एक बेटी, तो कभी उसकी कोख में पलता भविष्य।


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